Rahul Gandhi: janmashtami पर क्या बोल गए राहुल गांधी जानें, और कृष्ण ने क्यों की थी एक रात के लिए किनर से शादी , तीनो लोको के स्वामी को करना पड़ा था विलाप
आज देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में यह त्योहार हर साल मनाया जाता है। कांग्रेस नेता व रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने भी भारतवासियों को कृष्णाष्टमी की शुभकामनाएं दी है।
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हालांकि लोगों को राहुल गांधी द्वारा बधाई मिलना कुछ खास पसंद नहीं आया और उन्होंने उनकी क्लास लगा दी।
https://twitter.com/RahulGandhi/status/1827907224175264003?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1827907224175264003%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fapi-news.dailyhunt.in%2F |
हिंदू समाज
राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने लिखा कि आशा करता हूं कि हर्ष और उल्लास का यह पर्व आप सभी के जीवन को नई उमंग एवं उत्साह से भर दे। राहुल गांधी की इस पोस्ट पर लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया। एक यूजर ने लिखा है कि शहजादे को आज “जन्माष्टमी” की याद आई है। इनकी पार्टी ने जिसकी पार्टी Worship Act 1991 ला कर हिन्दुओं का हक कृष्णा जन्मभूमि, मथुरा पर खत्म कर दिया। अब ये लोग जन्माष्टमी मना रहे हैं। एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा है कि हिंदू देवी देवता की तस्वीर गायब क्यों रहती है? हिन्दू देवी-देवता की तस्वीर से इतनी नफरत क्यों राहुल गांधी?

आज यानी 26 अगस्त को भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस वजह से देशभर में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी तिथि को भगवान कृष्ण ने द्वापर युग में जन्म लिया था। रात्रि 12 बजे से लेकर 12 बजकर 44 मिनट तक का समय पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है। इसी समय भगवान कृष्ण की पूजा की जाएगी।
आज देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में यह त्योहार हर साल मनाया जाता है। भुवन मोहन कन्हैया के जन्मदिवस पर आज जानेंगे हम कि ऐसा क्या हुआ था कि भगवान को एक रात के लिए किन्नर से शादी करनी पड़ी थी।
कौन था वह किन्नर जिससे शादी करने के अगले दिन ही तीनों लोकों के स्वामी को विलाप करना पड़ा था।
महाभारत के तमिल अनुवाद में लिखा गया है कि अर्जुन और नागकन्या उलूपी के पुत्र इरावन एक किन्नर थे। उन्हें किन्नरों का देवता माना जाता है। इरावन न सिर्फ देखने में सुन्दर थे बल्कि युद्ध कौशल में उनकी कोई सानी नहीं थी। महाभारत युद्ध में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इरावन का जन्म एक पुरुष के तौर पर हुआ लेकिन श्राप से वो किन्नर बन गए। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के दौरान कृष्ण ने पांडवों से माता काली को बलि चढ़ाने को कहा। कोई अपनी बलि देने को तैयार नहीं था।
विलाप करने लगे कृष्ण
ऐसे में अर्जुन पुत्र इरावन आगे आये। हालांकि उन्होंने शर्त रखी कि बलि देने से
पूर्व वो विवाह करना चाहते हैं। उनकी इच्छा जानकर हर कोई हैरान रह गया क्योंकि भला कोई कन्या किन्नर से शादी क्यों करती? साथ ही वो अगले ही पल विधवा हो जाती। तभी कृष्ण ने स्त्री का रूप धारण किया और इरावन से विवाह कर लिया। इरावन की मृत्यु के बाद भगवान अलगे दिन विधवा की तरह विलाप करते रहे।
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